बालपाठ – दिव्य प्रबन्ध – आऴ्वारों का सबसे मूल्यवान उपहार
श्री: श्रीमते शठकोपाये नमः श्रीमते रामानुजाये नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः बालपाठ << तिरुमङ्गै आऴ्वार (श्री परकाल स्वामीजी) आण्डाल दादी कण्णिनुन् शिरुत्तांबु दिव्यप्रबंध को पढ़ रही हैं। पराशर और व्यास वहां पहुंचते हैं। व्यास: दादी ! अब आप क्या पढ़ रहे हैं? आण्डाल दादी: व्यास! मैं कण्णिनुन् शिरुत्तांबु का पाठ कर रही हूं। जो कि दिव्यप्रबंध का हिस्सा … Read more